क्या है यह तकनीक और क्यों है चर्चा क्वांटम कंप्यूटिंग में
क्वांटम कंप्यूटिंग का क्रेज
आज की दुनिया में हर दिन नई-नई तकनीकें विकसित हो रही हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसी होती हैं जो पूरे भविष्य को बदलने की क्षमता रखती हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग भी ऐसी ही एक क्रांतिकारी तकनीक है, जिसकी चर्चा पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेज हो गई है।
1. क्वांटम कंप्यूटर क्या है?
क्वांटम कंप्यूटर एक उन्नत प्रकार का कंप्यूटर है जो क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) के नियमों पर काम करता है।
1 क्लासिकल कंप्यूटर (जैसे हमारे लैपटॉप, मोबाइल, या सुपरकंप्यूटर) बिट्स (0 और 1) के आधार पर काम करते हैं।
2 क्वांटम कंप्यूटर बिट्स या क्यूबिट्स (Qubits) का उपयोग करते हैं, जो सुपरपोजिशन (Superposition) और एंटैंगलमेंट (Entanglement) जैसी क्वांटम प्रॉपर्टीज पर आधारित होते हैं।
यही कारण है कि क्वांटम कंप्यूटर बहुत बड़े और जटिल समस्याओं को सुलझाने की शक्ति रखते हैं, जिन्हें आज के सुपरकंप्यूटर हल नहीं कर सकते।
2. क्लासिकल कंप्यूटर और क्वांटम कंप्यूटर में अंतर
फीचर | क्लासिकल कंप्यूटर | क्वांटम कंप्यूटर |
---|---|---|
बेसिक यूनिट | बिट (0 या 1) | क्यूबिट (0 और 1 एक साथ) |
प्रोसेसिंग स्पीड | सीमित | अत्यधिक तेज |
सुपरपोजिशन | नहीं होती | होती है |
एंटैंगलमेंट | नहीं होता | होता है |
उपयोग | सामान्य गणना, गेमिंग, ऑफिस वर्क | साइंटिफिक रिसर्च, AI, ड्रग डिज़ाइनिंग, साइबर सिक्योरिटी |
3. क्वांटम कंप्यूटर कैसे काम करता है?
(i) सुपरपोजिशन (Superposition)
सुपरपोजिशन का मतलब है कि एक क्यूबिट एक ही समय में 0 और 1 दोनों हो सकता है।
साधारण कंप्यूटर में अगर कोई प्रोसेसिंग करनी होती है, तो वह एक समय में केवल एक ही स्टेट (0 या 1) पर काम करता है। लेकिन क्वांटम कंप्यूटर कई स्टेट्स पर एक साथ काम कर सकते हैं, जिससे वे बहुत तेजी से समस्याओं को हल कर सकते हैं।
(ii) एंटैंगलमेंट (Entanglement)
एंटैंगलमेंट एक क्वांटम घटना है जिसमें दो क्यूबिट्स आपस में गहराई से जुड़े होते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप एक क्यूबिट की स्थिति जानते हैं, तो इससे जुड़ा दूसरा क्यूबिट भी तुरंत प्रभावित होगा – भले ही वह ब्रह्मांड के किसी भी कोने में हो।
यह क्वांटम कंप्यूटर की शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है और इसे परंपरागत कंप्यूटरों से अद्वितीय बना देता है।
4. क्वांटम कंप्यूटिंग क्यों है इतनी चर्चित?
आजकल क्वांटम कंप्यूटर का हाइप इसलिए है क्योंकि यह असंभव माने जाने वाले कार्यों को संभव बना सकता है।
(i) सुपरकंप्यूटर से भी तेज गणना
Google ने 2019 में घोषणा की थी कि उसके Sycamore Quantum Processor ने एक गणना को मात्र 200 सेकंड में पूरा कर लिया, जिसे सुपरकंप्यूटर को पूरा करने में 10,000 साल लगते!
(ii) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में बड़ा बदलाव
क्वांटम कंप्यूटर की असाधारण प्रोसेसिंग शक्ति AI को एक नए स्तर पर पहुंचा सकती है। इससे डाटा प्रोसेसिंग, पैटर्न रिकॉग्निशन और मशीन लर्निंग में भारी सुधार होगा।
(iii) साइबर सिक्योरिटी और क्रिप्टोग्राफी
आज के एन्क्रिप्शन सिस्टम RSA और AES क्लासिकल कंप्यूटरों के लिए बहुत मजबूत हैं, लेकिन क्वांटम कंप्यूटर इन्हें सेकंडों में तोड़ सकते हैं। इसी वजह से वैज्ञानिक क्वांटम-रेसिस्टेंट सिक्योरिटी सिस्टम बनाने पर काम कर रहे हैं।
(iv) हेल्थकेयर और ड्रग डिस्कवरी
क्वांटम कंप्यूटर नई दवाइयों और मेडिकल रिसर्च में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। यह जटिल केमिकल संरचनाओं को बहुत तेजी से सिमुलेट कर सकते हैं, जिससे नई दवाएं जल्दी विकसित की जा सकेंगी।
(v) जलवायु परिवर्तन और वैज्ञानिक अनुसंधान
क्वांटम कंप्यूटर जलवायु मॉडलिंग, न्यूक्लियर फ्यूजन, और अंतरिक्ष अनुसंधान में भी बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।
5. क्वांटम कंप्यूटिंग के वर्तमान विकास
(i) Google, IBM और Microsoft की प्रतिस्पर्धा
वर्तमान में Google, IBM, Microsoft, और Intel जैसी बड़ी कंपनियां क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने पर काम कर रही हैं।
1 IBM ने Eagle Quantum Processor लॉन्च किया, जिसमें 127 क्यूबिट्स थे।
2 Google का लक्ष्य 1,000,000 क्यूबिट्स वाला प्रोसेसर बनाना है।
3 चीन और अमेरिका में भी क्वांटम रिसर्च पर अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है।
(ii) क्वांटम इंटरनेट (Quantum Internet)
वैज्ञानिक हैक-प्रूफ क्वांटम इंटरनेट पर काम कर रहे हैं, जिससे डाटा चोरी और साइबर हमलों को रोका जा सकेगा।
6. क्या क्वांटम कंप्यूटर आम लोगों के लिए उपलब्ध होंगे?
फिलहाल, क्वांटम कंप्यूटर बहुत महंगे और जटिल हैं। इन्हें सुपरकूल्ड लैब्स में रखा जाता है और इनका संचालन आसान नहीं है। लेकिन भविष्य में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित होगी, यह छोटे और सस्ते हो सकते हैं – ठीक वैसे ही जैसे पुराने ज़माने के बड़े-बड़े कंप्यूटर आज छोटे लैपटॉप में बदल गए।
7. क्वांटम कंप्यूटिंग के संभावित खतरे
1 साइबर सिक्योरिटी पर असर: क्वांटम कंप्यूटर से मौजूदा एन्क्रिप्शन सिस्टम बेकार हो सकते हैं।
2 अत्यधिक महंगा: क्वांटम कंप्यूटर बनाना और ऑपरेट करना बहुत महंगा है।
3 तकनीकी सीमाएं: अभी तक क्वांटम कंप्यूटर बहुत अस्थिर हैं और ज्यादा क्यूबिट्स पर काम करने में दिक्कत होती है।
क्वांटम कंप्यूटिंग एक भविष्य की तकनीक है, जो AI, साइबर सिक्योरिटी, हेल्थकेयर, और साइंटिफिक रिसर्च को बदल सकती है। हालांकि, यह अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन आने वाले दशकों में यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें